ज्योतिष में अचल संपत्ति (गृह संपत्ति भूमि) का समय
क्या आप जानते हैं कि अपने लिए घर या किसी बड़ी भूमि की खरीदारी से जुड़ा कार्य कब जीवन में घटित होता है, इसके बारे में ज्योतिष शास्त्र में विस्तार पूर्वक बताया गया है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली का सूक्ष्म रूप से आंकलन करके यह जान पाना संभव होता है कि उसकी कुंडली में घर या मकान का योग है या नहीं, उसे अपना घर, जमीन या कोई बहुत बड़ा प्लॉट कब मिल सकता है या नहीं। घर चाहे छोटा हो या बड़ा अगर वह अपना है तो वह स्थान व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जमीन से जुड़ी समस्याएं एक व्यक्ति के जीवन काल में उसे कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं। आईये जानते हैं कुंडली में बनने वाले वह योग और प्रभाव जिनके कारण व्यक्ति को घर, संपत्ति भूमि इत्यादि का सुख मिल पाना संभव बनता है। कुंडली का चतुर्थ भाव और चतुर्थेश दशा कुंडली का चौथा भाव भी काफी प्रभावशाली होता है। यह स्थान भूमि को दर्शाता है। इस स्थान को सुख स्थान भी कहा जाता है, तथा यह व्यक्ति के जीवन में भूमि, भवन से संबंधित मुद्दों के लिए उत्तरदायी बनता है। कुंडली का चतुर्थ भाव व चतुर्थ भाव के स्वामी जितनी शुभता की प्राप्ति करता ह...